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Showing posts from July, 2020

Imandaar

ईमानदार तो हम कल भी थे, फ़र्क महज़ इतना है कि आज मंज़िल बदल गई हैं। ✍️ मिडनाइट शायरी

Likhna

लिखना मेरा शौक़ है, पढ़कर अनदेखा करना तुम्हारी आदत। ✍️ मिडनाइट शायरी

Sahil

मैं साहिल अपनी जगह पर ठहरा हुँ, लहरें रोज़ आती है मुझसे आज़माईश करने। ✍️ मिडनाइट शायरी

Zakhm

बमुश्किल उसने खै़रियत पुछी, ज़ख़्म जो भरा था, वह फिर हरा हो गया। ✍️ मिडनाइट शायरी