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पछतावा

 वो ज़ाहिर नहीं करता अपने चेहरे से पछतावा, मिलता है जब भी मुझसे, हँसकर मिलता है। ✍️ मिडनाइट शायरी

सवाल

वक्त बेवक्त वह हाल पुछता है, तुम कैसे हो यह सवाल पूछता है |  मिडनाइट शायरी

Jagah

अभी आँखों में सपने भरे है, अभी आँसुओ को जगह नहीं है। माना कि ख़ला है इस दिल में, लेकिन तुम्हारे लिए जगह नहीं है। मिडनाइट शायरी

Imandaar

ईमानदार तो हम कल भी थे, फ़र्क महज़ इतना है कि आज मंज़िल बदल गई हैं। ✍️ मिडनाइट शायरी

Likhna

लिखना मेरा शौक़ है, पढ़कर अनदेखा करना तुम्हारी आदत। ✍️ मिडनाइट शायरी

Sahil

मैं साहिल अपनी जगह पर ठहरा हुँ, लहरें रोज़ आती है मुझसे आज़माईश करने। ✍️ मिडनाइट शायरी

Zakhm

बमुश्किल उसने खै़रियत पुछी, ज़ख़्म जो भरा था, वह फिर हरा हो गया। ✍️ मिडनाइट शायरी