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Nazar andaz (ignorance)

आजकल मैंने उसे नज़रअंदाज़ कर रखा है, उसके लिए जो एहसास थे, जज़्बात थे उन्हें धीमी आँच पर रखा है। ✍️ मिडनाइट शायरी

कर्ज़

वोह जो वक्त था, गुज़ार चुका हूं मैं, मुझ पर जो भी था कर्ज़, उतार चुका हूं मैं, अब मुझे ज़िंदगी में किसी और से कोई उम्मीद नहीं हैं। जो कुछ भी बिखरा था , वह सब कुछ संवार चुका हूँ मैं | 

Adhoora

मुकर्रर मैं भी नहीं, अधूरा तु भी है मेरे बिना। मिडनाइट शायरी 

Ghar

आज मुझे फिर उसके घर जाना है, और फिर उसने अपना मुँह बनाना हैं|  मिडनाइट शायरी 

Pareshaan

वह परेशां हैं मेरा हाल जानने के लिए , हम परेशां हैं उनका हाल जानने के बाद |  मिडनाइट शायरी 

पछतावा

 वो ज़ाहिर नहीं करता अपने चेहरे से पछतावा, मिलता है जब भी मुझसे, हँसकर मिलता है। ✍️ मिडनाइट शायरी

सवाल

वक्त बेवक्त वह हाल पुछता है, तुम कैसे हो यह सवाल पूछता है |  मिडनाइट शायरी