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Showing posts from August, 2018

Roya

रोया मैं रात भर तुमसे बिछड़ कर, मुस्कुरा दिया सुबह तेरी तस्वीर देखकर।

Manzil

मंज़िल के मिलने पर ठहर जाती है ज़िंदगी, मज़ा तो राहों के संग चलने का है।

Nazrein

एक मैं भी था उन शहीदों में, जब तुमने नज़रें उठा कर मेहफिल में देखा था।

Rooh

ये जिस्म तो मिट जाएगा एक दिन, रूह पर नाम तो बस तेरा ही लिखा हुआ है।

Lautkar

तुम आओगे लौटकर, इस उम्मीद पर, हमने दिल की ज़मीन पर प्लाट खाली छोड़ रखा हैं।

Raahein

उन राहों पर जाना छोड़ दिया मैंने, जो मुझे अपनों से दूर ले जाती हैं।

Friendship

वक्त ही नहीं मिला कभी तुमसे दोस्ती करने का, पहली ही मुलाकात में मोहब्बत हो गई तुमसे।

Khud Ko Paana

खुद को पा‌ लेती हुँ साथ तेरे मैं, बाकी दुनिया तो बस मुझे रिश्तों की याद दिलाती हैं।