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Manzil


Midnight Shayari

मंज़िल के मिलने पर ठहर जाती है ज़िंदगी,
मज़ा तो राहों के संग चलने का है।

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पछतावा

 वो ज़ाहिर नहीं करता अपने चेहरे से पछतावा, मिलता है जब भी मुझसे, हँसकर मिलता है। ✍️ मिडनाइट शायरी

Masakkali

मेरी पहली मोहब्ब्त तो नहीं थीं तुम, लेकिन हाँ दिल का एक कोना तुम्हारे नाम भी था मसक्कली । ✍ साबिर 🌹

Happy Independence Day

ना सबब पूछो हमारी वतन परस्ती का, ये तिरंगा मेरी रूह से लिपटा है। 🇮🇳 हिंदुस्तान ज़िंदाबाद 🇮🇳 ✍️ साबिर