Skip to main content

Posts

Gunaah

कोशिश यही करो कि तुमसे कोई गुनाह न हो, गुनाह हो भी जाए अगर, तो वो फिर किसी से छुपा न हो। ✍ साबिर

Hunar

ग़मो में मुस्कुराना सीख लिया हमनें, तु म कहते हो कि मुझमें हुनर ही क्या है।

Roya

रोया मैं रात भर तुमसे बिछड़ कर, मुस्कुरा दिया सुबह तेरी तस्वीर देखकर।

Manzil

मंज़िल के मिलने पर ठहर जाती है ज़िंदगी, मज़ा तो राहों के संग चलने का है।

Nazrein

एक मैं भी था उन शहीदों में, जब तुमने नज़रें उठा कर मेहफिल में देखा था।

Rooh

ये जिस्म तो मिट जाएगा एक दिन, रूह पर नाम तो बस तेरा ही लिखा हुआ है।

Lautkar

तुम आओगे लौटकर, इस उम्मीद पर, हमने दिल की ज़मीन पर प्लाट खाली छोड़ रखा हैं।