Event Based Shayari | त्योहारों और खास मौकों पर दिल की बात
कुछ लम्हें ऐसे होते हैं जो सिर्फ तारीखों में नहीं, जज़्बातों में याद किए जाते हैं। Event Based Shayari उन खास पलों को छूने की कोशिश है — जब दिल किसी रंग में भीगता है, या किसी रस्म में मोहब्बत ढूंढता है।
"युँ तो गुरेज़ नहीं है रंगों से मुझे,
तुम लगाते तो बात कुछ और होती।"
इस शायरी में होली का जिक्र है, लेकिन रंगों से ज़्यादा तलब उस हाथ की है जो रंग लगाए।
"शुक्र है दीदार हुआ तेरी उंगली का,
काश रस्म चेहरे पर स्याहि लगाने की होती।"
यहाँ वोट की स्याही भी मोहब्बत की इबारत बन जाती है।
ऐसी शायरियाँ त्योहारों, चुनावों या किसी भी मौके को सिर्फ एक दिन नहीं, एक एहसास बना देती हैं। अगर आप भी इन मौकों को अपनी मोहब्बत से जोड़कर देखना चाहते हैं, तो ये शायरी आपके दिल को छूने का माद्दा रखती है।
Nice Shayari.
ReplyDeleteHey I just loved it a lot.
ReplyDeleteI'm impressed. I write poems on my page. Do visit and feel free to comment on my poems.
https://byheartwrites13.blogspot.com/2020/12/as-i-am.html