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Life Shayari

Life Shayari यानी ज़िंदगी के हर रंग को अल्फ़ाज़ में ढालने की एक ख़ूबसूरत कोशिश। कभी ये ज़िंदगी हँसाती है, कभी रुलाती है, कभी सबक देती है तो कभी सपनों की उड़ान भरने का हौसला। "Midnight Shayari" पर प्रस्तुत Life Shayari उस हर एहसास को शब्दों में समेटती है, जिसे हम रोज़मर्रा की ज़िंदगी में महसूस करते हैं।

यहाँ की शायरी आपको सोचने पर मजबूर करेगी — रिश्तों के मायने, अकेलेपन की तड़प, उम्मीदों की रोशनी और हार न मानने की प्रेरणा। कुछ शायरी आपको मुस्कुराएंगी, तो कुछ दिल की गहराइयों तक उतर जाएंगी।

ज़िंदगी कोई आसान सफर नहीं, लेकिन इस सफर को खूबसूरत बनाते हैं हमारे अनुभव और एहसास। Life Shayari उन्हीं अनुभवों की परछाइयाँ हैं, जो दिल को छू जाती हैं।

अगर आप भी ज़िंदगी को एक नए नज़रिए से देखना चाहते हैं या अपने जज़्बातों को किसी से बाँटना चाहते हैं, तो यह संग्रह आपके लिए है।


"ज़िंदगी की किताब में हर पन्ना कुछ सिखाता है, और शायरी उसी किताब का सबसे हसीन हिस्सा होती है।"


मैं साहिल अपनी जगह पर ठहरा हुँ,
 लहरें रोज़ आती है मुझसे आज़माईश करने।
मैं साहिल अपनी जगह पर ठहरा हुँ,

लहरें रोज़ आती है मुझसे आज़माईश करने।

मुफ़्त में मिले घर की परवाह किसे है,
 ख्वाहिश तो उस मकां की है जो बिकाऊ नहीं।
मुफ़्त में मिले घर की परवाह किसे है,

ख्वाहिश तो उस मकां की है जो बिकाऊ नहीं।

मेहफूज़ नहीं है कोई भी यहाँ,
 चलती है गोलियाँ खुदा के घरों में,
 होते है धमाके गिरिजाघरों में।
मेहफूज़ नहीं है कोई भी यहाँ,

चलती है गोलियाँ खुदा के घरों में,

होते है धमाके गिरिजाघरों में।

वोह जो वक्त था, गुज़ार चुका हूं मैं,
 मुझ पर जो भी था कर्ज़, उतार चुका हूं मैं,
 अब मुझे ज़िंदगी में किसी और से कोई उम्मीद नहीं हैं।
 जो कुछ भी बिखरा था, वह सब कुछ संवार चुका हूँ मैं |
वोह जो वक्त था, गुज़ार चुका हूं मैं,

मुझ पर जो भी था कर्ज़, उतार चुका हूं मैं,

अब मुझे ज़िंदगी में किसी और से कोई उम्मीद नहीं हैं।

जो कुछ भी बिखरा था, वह सब कुछ संवार चुका हूँ मैं | 

ख़्वाहिश है मेरी की खुद को जी लुं कभी,
 ग़र क़िरदारों से फुर्सत मिल जाये मुझे।
ख़्वाहिश है मेरी की खुद को जी लुं कभी,

ग़र क़िरदारों से फुर्सत मिल जाये मुझे।

रोज़ चक्कर लगाता हुँ गाड़ी से तेरे शहर का,
 और लोग कह रहे हैं कि पेट्रोल के दाम बढ़ गये है।
रोज़ चक्कर लगाता हुँ गाड़ी से तेरे शहर का,

और लोग कह रहे हैं कि पेट्रोल के दाम बढ़ गये है।

मंज़िल के मिलने पर ठहर जाती है ज़िंदगी,
 मज़ा तो राहों के संग चलने का है।
मंज़िल के मिलने पर ठहर जाती है ज़िंदगी,

मज़ा तो राहों के संग चलने का है।

चला तेरा हाथ थामकर तो लगा कि का़बिल हुँ मैं,
 भूल गया खुद के सपनों को,
क्योंकि तेरे सपनों में शामिल हुँ मैं।
चला तेरा हाथ थामकर तो लगा कि का़बिल हुँ मैं,

भूल गया खुद के सपनों को,
क्योंकि तेरे सपनों में शामिल हुँ मैं।

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