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Love Shayari

Love Shayari मोहब्बत के उन हसीन लम्हों की आवाज़ है, जो दिल से निकलती है और दिल तक पहुँचती है। जब कोई दिल की बात शब्दों में बयां नहीं कर पाता, तब शायरी ही वो जरिया बनती है जिससे इश्क़ को महसूस किया जा सकता है।

"Midnight Shayari" पर पेश की गई Love Shayari एक खास अहसास है — जहाँ पहली मुलाक़ात की ख़ुशबू है, आंखों में बसी मोहब्बत की चमक है और दिल की गहराइयों से निकली सच्ची भावनाएं हैं।

चाहे आप किसी को अपना इश्क़ जताना चाहते हों, या किसी की याद में डूबे हों — यहाँ हर दिल की कहानी के लिए एक शायरी मिलेगी। यह कलेक्शन प्रेमियों के लिए एक पुल है, जो दिलों को जोड़ता है और फासलों को मिटाता है।

हर शेर, हर पंक्ति दिल को छू लेने वाली है और पढ़ने वाले को एक अलग ही दुनिया में ले जाती है। अगर आप प्यार में हैं, या प्यार को महसूस करना चाहते हैं — तो हमारी Love Shayari आपकी भावनाओं को सही लफ्ज़ों में पिरोने का काम करेगी।

मेरी पहली मोहब्ब्त तो नहीं थीं तुम,
 लेकिन हाँ दिल का एक कोना तुम्हारे नाम भी था मसक्कली ।मेरी पहली मोहब्ब्त तो नहीं थीं तुम,

लेकिन हाँ दिल का एक कोना तुम्हारे नाम भी था मसक्कली ।

सोच रहा हूं कुछ लिखूँ तेरे हिजाब (बुर्का) पर,
 कमबख़्त तेरे चेहरे से नज़र हटती नहीं है।सोच रहा हूं कुछ लिखूँ तेरे हिजाब (बुर्का) पर,

कमबख़्त तेरे चेहरे से नज़र हटती नहीं है।

सुबह कुछ युँ सुखायी तुमने अपनी भीगी ज़ुल्फें,
 वहाँ पुरे शहर में तर-बतर बारिश हो गई।सुबह कुछ युँ सुखायी तुमने अपनी भीगी ज़ुल्फें,

वहाँ पुरे शहर में तर-बतर बारिश हो गई।

तुम मुझे देखकर खुद को संवारना,
 मैं ताउम्र तुम्हारा दर्पण बनकर रहुँगा ।तुम मुझे देखकर खुद को संवारना,

मैं ताउम्र तुम्हारा दर्पण बनकर रहुँगा ।

लिखना मेरा शौक़ है,
 पढ़कर अनदेखा करना तुम्हारी आदत।लिखना मेरा शौक़ है,

पढ़कर अनदेखा करना तुम्हारी आदत।

गुज़ारी है रात हमने सड़क के सिरहाने पर,
 तुझे क्या खबर महलों में सोने वाले।गुज़ारी है रात हमने सड़क के सिरहाने पर,

तुझे क्या खबर महलों में सोने वाले।

कोशिश यही करो कि तुमसे कोई गुनाह न हो,
 गुनाह हो भी जाए अगर, तो वो फिर किसी से छुपा न हो।कोशिश यही करो कि तुमसे कोई गुनाह न हो,

गुनाह हो भी जाए अगर, तो वो फिर किसी से छुपा न हो।

नब्ज़ दिखाई हक़ीम को जब हमने,
 उन्होंने कहा कि म़र्ज-ए-मोबाईल लग गया है तुम्हें।नब्ज़ दिखाई हक़ीम को जब हमने,

उन्होंने कहा कि म़र्ज-ए-मोबाईल लग गया है तुम्हें।

वाह क्या रूहानी इलाज है तेरी आवाज़ मे,
 सिर दर्द युं चला गया तुमसे बात करके।वाह क्या रूहानी इलाज है तेरी आवाज़ मे,

सिर दर्द युं चला गया तुमसे बात करके।

ज़र्रा ज़र्रा लौट रहा हुं ज़िंदगी में अपनी,
 कतरा कतरा तु मुझमें फिर से समा रहीं है।ज़र्रा ज़र्रा लौट रहा हुं ज़िंदगी में अपनी,

कतरा कतरा तु मुझमें फिर से समा रहीं है।

कुछ ख़्वाब बैठें रहे आंखों के दरवाजों पर रात भर,
 कमबख्त नींद ने हमें धोखा दे दिया।कुछ ख़्वाब बैठें रहे आंखों के दरवाजों पर रात भर,

कमबख्त नींद ने हमें धोखा दे दिया।

तेरी वफ़ा ने ही संभाल कर रखा है अब तक,
 नहीं तो ये आवारा किसी ओर का हो गया था ।तेरी वफ़ा ने ही संभाल कर रखा है अब तक,

नहीं तो ये आवारा किसी ओर का हो गया था ।

मैंने सनम से कहा तुम्हारा नाम लिखकर दिल में रख लेता हूं,
 उम्र भर लू नहीं लगेगी मुझे।मैंने सनम से कहा तुम्हारा नाम लिखकर दिल में रख लेता हूं,

उम्र भर लू नहीं लगेगी मुझे।

यूँ पहना उसने सब्ज़ रंग बारिश में, बारिश जो शुरू हुई, फिर थमी ही नहीं,यूँ पहना उसने सब्ज़ रंग बारिश में,
बारिश जो शुरू हुई, फिर थमी ही नहीं,

कुछ इस अंदाज़ में रुठी वो मुझसे,
 मेरा हाथ थाम कर कहती है, तुम कहीं भी नहीं जाओगे ।कुछ इस अंदाज़ में रुठी वो मुझसे,

मेरा हाथ थाम कर कहती है, तुम कहीं भी नहीं जाओगे ।

तेरी तारीफ़ में क्या लिखूं,
 जन्नत की हूरें भी जलती है तुझसे।तेरी तारीफ़ में क्या लिखूं,

जन्नत की हूरें भी जलती है तुझसे।

एक मैं भी था उन शहीदों में,
 जब तुमने नज़रें उठा कर मेहफिल में देखा था।एक मैं भी था उन शहीदों में,

जब तुमने नज़रें उठा कर मेहफिल में देखा था।

खुद को पा‌ लेती हुँ साथ तेरे मैं,
 बाकी दुनिया तो बस मुझे रिश्तों की याद दिलाती हैं।खुद को पा‌ लेती हुँ साथ तेरे मैं,

बाकी दुनिया तो बस मुझे रिश्तों की याद दिलाती हैं।

जान भी माँग सकते हो तुम गुरू दक्षिणा में, ये इश्क़ करना हमने तुम्हीं से सिखा है।जान भी माँग सकते हो तुम गुरू दक्षिणा में,
ये इश्क़ करना हमने तुम्हीं से सिखा है।

अंदाज़ा लगा लो इसी से मेरी मोहब्बत का,
 धूप भी सुहानी लगती हैं गर्मियों की, जब साथ तेरे होता हुँ।अंदाज़ा लगा लो इसी से मेरी मोहब्बत का,

धूप भी सुहानी लगती हैं गर्मियों की, जब साथ तेरे होता हुँ।

इस क़दर इश्क़ है तेरे तोहफों से,
 तेरा दिया हुआ गुलाब आज भी मेरी किताबों से लिपटा है।इस क़दर इश्क़ है तेरे तोहफों से,

तेरा दिया हुआ गुलाब आज भी मेरी किताबों से लिपटा है।

अनजान हुँ मैं मोहब्बत के उसूलों से,
 कहती है मेरी सखियाँ,
तुम दिल चुरा लेते हो आँखों मे देखकर।अनजान हुँ मैं मोहब्बत के उसूलों से,

कहती है मेरी सखियाँ,
तुम दिल चुरा लेते हो आँखों मे देखकर।

तुम्हारे बिना मेरी कोई पहचान नहीं हैं,
 मेरी ज़िंदगी का आधार कार्ड हो तुम।तुम्हारे बिना मेरी कोई पहचान नहीं हैं,

मेरी ज़िंदगी का आधार कार्ड हो तुम।

शाम को पहनी उसने पाज़ेब इस तरह,
 उधर सराफा में चाँदी का भाव बढ़ गया ।शाम को पहनी उसने पाज़ेब इस तरह,

उधर सराफा में चाँदी का भाव बढ़ गया ।

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